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नहर में तैरता मिला शव ।। नैशनल इन्वेसिटगेशन एजेंसी(एनआईए) की टीम ने एक मकान पर दबिश देकर एक व्यक्ति से सघन पूछताछ की।

नहर में तैरता मिला शव

इंदिरा गांधी नहर के 1120 RD मदासर के समीप तैरता मिला शव
20 किलो लौहे के बाट से बंधा तैरता नहर में मिला था शव
शव का हुआ शिनाख्त
विनीत मांझू नाम से हुई शिनाख्त
22 जनवरी को घर से हुआ था लापता
7 फरवरी को परिजनों ने करवाया था मामल दर्ज
मृतक के हाथ पर टैटू होने हुई शिनाख्त
हरियाणा के फतेपुर जिले की पुलिस व परिजन पहुचे नोख पोस्टमार्टम के पश्चात शव को पुलिस व परिजनों को किया सुपर्द

अमेरिकन एक खेेजङी पर सालाना 80 से 100 किलो सांगरी


उत्तरप्रदेश चुनाव

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जोधपुर में एनआईए की दबिश

पांच घंटे की पूछताछ के बाद खाली हाथ लौटी टीम
जोधपुर. जोधपुर शहर में शनिवार सुबह नैशनल इन्वेसिटगेशन एजेंसी(एनआईए) की टीम ने एक मकान पर दबिश देकर एक व्यक्ति से सघन पूछताछ की। करीब पांच घटों की पूछताछ के बाद एजेंसी को कोई विशेष। जानकारी हासिल नहीं हो सकी। दूसरी तरफ इस व्यक्ति का दावा है कि उसे कुछ कुछ लोगों ने धमकी दी थी। इसके बारे में जानकारी लेने के लिए एजेंसी के अधिकारी आए थे। उन्होंने आश्वासन दिया है कि भविष्य में यदि कोई आवश्यकता पड़े तो हमें कॉल किया जा सकता है। एनआईए की टीम के भारी पुलिस लवाजमें के साथ दबिश देने के बावजूद खाली हाथ लौटने पर कई सवाल अनसुलझे रह गए है।
एनआईए की एक टीम ने आज सुबह स्थानीय पुलिस की मदद से रातानाडा क्षेत्र में पत्रकार बरकत अली के मकान पर दबिश दी। इसे लेकर शहर में हड़कंप मच गया। एनआईए की टीम के आने से सभी यह मान बैठे कि जासूसी के मामले में पूछताछ की जा रही है। स्थानीय पुलिस को इसके बारे में कोई जानकारी एनआईए की तरफ से नहीं दी गई। करीब पांच घंटे की पूछताछ के बाद एनआईए की टीम वहां से रवाना हो गई। इसके बाद बरकत अली ने बताया कि मैं पत्रकारिता के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ काम करता हूं. कई ऑपरेशनों में शामिल रहा हूं. आतंकवाद बढ़ रहा है। एनआईए की टीम मेरे से जानकारी ली। मुझे कहा कि जरुरत पड़ी तो आपसे फिर बात करेंगे। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे कई समूह माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। मुझे भी लंबे समय से धमकी दी जा रही है। एक बंदा लोगों के बरगला रहा था। मैने उसके खिलाफ छापा। इसके बाद मुझे पता लगा कि कई लोग उससे जुड़े है। मैने भी जानकारी जुटाई। इसी को लेकर धमकी दी गई। एनआईए की टीम इससे जुड़ी जानकारी लेने के लिए ही मेरे घर पर आई थी। वहीं एनआईए की तरफ से इस पूछताछ के बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की गई। 
अनसुलझे रह गए कई सवाल
बरकत से एनआई की पूछताछ के बाद कई सवाल अनसुलझे ही रह गए। एनआईए की कार्यप्रणाली बेहद मजबूत मानी जाती है। बगैर ठोस आधार के वे किसी के यहां दबिश नहीं देते। एनआईए अमूमन देश विरोधी आतंकी गतिविधियों व जासूसी से जुड़े मामलों की ही जांच करती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि एनआईए को जोधपुर में कुछ हाथ नहीं लगा या फिर उसने फिलहाल कुछ जानकारी एकत्र की। हालांकि जिससे पूछताछ की गई वह स्वयं को बेदाग बता रहा है। लेकिन सवाल उठ रहे है कि आखिरकार दिल्ली से जोधपुर आकर पूरी टीम को भारी पुलिस बल के साथ एक मकान में दबिश देने की नौैबत क्यो आई? इसका जवाब देने के बजाय एनआईए ने मामले पर चुपी साध रखी है। माना जा रहा है कि एनआईए की टीम जिस उद्देश्य से यहां आई थी वह पूरा नहीं हो पाया। यह भी बताया जा रहा है कि जानकारी एकत्र कर एक बार टीम निकल गई। एनआईए की सफलता की दर 95 फीसदी है अभी तक एंजेसी के द्वारा पकड़े गए 95 फीसदी आरोपियों को दोषी साबित किया जा चुका है। ऐसे में एनआईए की जोधपुर में दबिश गलत साबित हुई या फिर टीम एक बार फिर लौटेगी. अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। 

यह है एनआईए
भारत में आंतकवाद से लड़ने के लिए सरकार ने एनआईए का गठन किया था। यह आंतकवाद के मामलों की जांच करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी है। यह एजेंसी देश में आंतकवाद से जुड़ी किसी भी जांच के लिए स्वतंत्र है इसके लिए इसे राज्यों की मंजूरी की जरूरत नहीं है। 31 दिसंबर 2008 को संसद में नैशनल इन्वेसिटगेशन एजेंसी ऐक्ट 2008 पास किया गया। इसके बाद इसका गठन किया गया था। मुंबई हमले के बाद एक ऐसी एजेंसी की जरूरत महसूस की जा रही थी जो स्वतंत्र रुप से आंतकवाद से जुड़ें मामलों की जांच करें।
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