सरकारी राशन पर बड़ा उलटफेर : अपात्र वाले भी अब ‘विचाराधीन’, विभाग ने अचानक दबाया ब्रेक
राजस्थान की फूड सिक्योरिटी स्कीम इन दिनों मौसम की तरह बदल रही है—कब क्या आदेश आ जाए, किसी को भरोसा नहीं। कुछ ही दिन पहले तक खाद्य एवं रसद विभाग प्रदेश भर में तेज़ रफ्तार से अपात्र किसानों की लिस्ट तैयार कर रहा था।
जोत का आकार, जमीन का हिसाब-किताब, डाटा मिलान—सब कुछ अंतिम चरण में पहुँच चुका था। कई जिलों में अंतिम सूचियाँ तक तैयार हो गई थीं, और हजारों किसान राशन सूची से बाहर होने की कगार पर थे।
लेकिन—अचानक बड़ा यू-टर्न!
विभाग ने बिना किसी लिखित आदेश के मौखिक निर्देश जारी कर पूरा अभियान होल्ड कर दिया।
यानि जो किसान अभी कुछ दिन पहले तक ‘अपात्र’ थे, वे अब सीधे विचाराधीन हो गए हैं।
न लिस्ट कटेगी, न फिलहाल किसी को राशन से बाहर किया जाएगा।
किसानों की नाराजगी ने बदला पूरा समीकरण
सूत्रों के अनुसार, जिलों से किसानों की बढ़ती नाराजगी की खबरें सरकार तक पहुंचीं।
यही वजह है कि सरकार ने निर्देश दिया कि—
👉 फिलहाल किसी का राशन बंद न किया जाए।
👉 चल रही प्रक्रिया को तुरंत रोक दिया जाए।
जिस अभियान पर विभाग तलवार की धार पर चल रहा था, वह अब पार्किंग मोड में पहुँच गया है।
जिन जिलों में अंतिम सूचियाँ बन चुकी थीं…
भरतपुर जैसे जिलों में लगभग 2100 किसानों की सूची तैयार थी।
लेकिन अब वे फाइलें शांत कोने में रख दी गई हैं।
यह फैसला प्रदेशभर में बड़ी चर्चा का विषय बन गया है—
कोई इसे “सरकारी यू-टर्न” कह रहा है, तो कोई “नीति का ब्रेक-लगा मोड”।
अब पूरे राजस्थान में किसी का भी नाम नही हटेगा तथा जो पात्र हैं उसका नाम जोङा जायेगा


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