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मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापूजी रोजगार योजना क्यों किया गया... कांग्रेसियों ने नाम परिवर्तन का क्यों विरोध किया मनरेगा (MGNREGA) के नाम परिवर्तन और कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर हुए हमले की पूरी, विस्तृत और ताज़ा जानकारी आसान भाषा में दी जा रही है

पूज्य बापूजी रोजगार योजना


मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापूजी रोजगार योजना क्यों किया गया... कांग्रेसियों ने नाम परिवर्तन का क्यों विरोध किया 

Pujya bapu gramin rojgar yojna


मनरेगा (MGNREGA) के नाम परिवर्तन और कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर हुए हमले की पूरी, विस्तृत और ताज़ा जानकारी आसान भाषा में दी जा रही है

1. मनरेगा (MGNREGA) का नाम वास्तव में बदल दिया गया है

मनरेगा का पूरा नाम था:

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) — यह भारत की मुख्य ग्रामीण रोजगार योजना है, जो ग्रामीण परिवारों को कम से कम 100 दिनों का गारंटीड काम देती है। 

अब नाम बदलकर रखा गया है:

“पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना / Poojya Bapu Grameen Rozgar Yojna”

इस नामकरण प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट में मंज़ूरी दी गई है। 

इसके साथ कार्य दिवस भी बढ़ाये जा रहे हैं:

🔹 पहले 100 दिनों की गारंटी थी,

🔹 अब इसे 125 दिनों तक बढ़ाया जा रहा है। 

2. सरकार का तर्क (केंद्र की बात)

केंद्र सरकार का कहना है कि:

नाम बदलने के साथ उद्देश्य यह है कि योजना को और अधिक प्रभावी और ब्रांडेड रूप दे — ताकि ग्रामीण लोगों को योजना का लाभ और बेहतर ज़रूरतों तक पहुँचे। 

रोजगार की संख्या बढ़ाए जाने का लक्ष्य ग्रामीण आमदनी और जीवन बेहतर बनाना है। 

3. कांग्रेस का बड़ा विरोध

कांग्रेस पार्टी ने इस नाम परिवर्तन को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है, जिसमें प्रमुख बातें शामिल हैं:

कांग्रेस की मुख्य आपत्तियाँ

1. गांधी जी का नाम हटाना — विरासत से छेड़छाड़

कांग्रेस का कहना है कि मनरेगा में “महात्मा गांधी” नाम का हटना गांधी की विरासत को मिटाने जैसा है। 

2. संसाधनों का फ़िज़ूल खर्च

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि नाम बदलने से सरकारी संसाधन बर्बाद होंगे — चूंकि पूरा सिस्टम, ऑफ़िस, कागज़ात, पहचान आदि को फिर से बदलना पड़ेगा। 

3. राजनीतिक उद्देश्य / क्रेडिट लेने की कोशिश

कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार नाम बदलकर मध्यम स्तर पर भी इसका श्रेय खुद लेने की कोशिश कर रही है, जबकि सच यह है कि यह योजना 2005 में कांग्रेस नेतृत्व में लाई गई थी। 

4. नाम बदलना सिर्फ दिखावा है

कांग्रेस का कहना है कि यह फर्क नीतिगत सुधार न होकर एक ‘ब्रांडिंग’ या छवि बदलने जैसा कदम है। 

5. गांधी के नाम का सम्मान नहीं रखना

नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र को महात्मा गांधी के नाम से नफरत है, इसलिए उनके नाम को हटाया जा रहा है — यह आरोप भाजपा पर राजनीतिक रूप से लगाया गया है। 

कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रियाएँ

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह कदम समझ से बाहर और भारी खर्चीला है। 

जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल ने इसे नाम बदलने का मास्टरी बताया और सवाल उठाया कि गांधी जी के नाम में क्या गलत था। 

 4. राजनीतिक संदर्भ

यह मुद्दा एक सियासी बहस का रूप ले चुका है — कांग्रेस इसे इतिहास और गांधी विरासत से छेड़छाड़ के रूप में देख रही है, जबकि सरकार इसे नए रूप में ग्रामीणों के लाभ के लिए एक बदलाव बता रही है। 

 भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना का जवाब भी दिया है और कह दिया कि यह निस्संदेह गांधी जी को सम्मान देना है क्योंकि "बापू" भी वही महात्मा गांधी का सम्मानसूचक नाम है। 

संक्षेप में (बिंदुवार)

मुद्दा विवरण

योजना का पुराना नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)

नया नाम पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना

क्यों बदला? कैबिनेट ने मंज़ूरी दी (सरकार का कहना: बेहतर ब्रांडिंग और अधिक रोजगार)

कांग्रेस की प्रतिक्रिया गांधी जी के नाम को हटाने का विरोध; संसाधनों के बेकार खर्च का आरोप

राजनीतिक लड़ाई कांग्रेस: इतिहास से छेड़छाड़; सरकार: योजना को नया रूप देने का कदम

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